स्वामी प्रसाद मौर्य का तीन तलाक तो कभी गौरी-गणेश पर विवादित बयान,अब रामचरितमानस पर विवादित बयान
24 Jan 2023, 75
स्वामी प्रसाद मौर्य का तीन तलाक तो कभी गौरी-गणेश पर विवादित बयान,अब रामचरितमानस पर विवादित बयान

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के एमएलसी चुनावी वैज्ञानिक स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए कुछ चौपाइयां हटवाने की मांग कर कड़ाके की ठंड में राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है।इस मामले में शीर्ष नेतृत्व ने मौन व्रत धारण कर रखा है।सपा विधायक स्वामी के बयान को निजी बता रहे हैं।स्वामी पहली बार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में नहीं आए हैं।इस तरह के बयान पहले भी दे चुके हैं।स्वामी ने साफ किया कि यह बयान उनका व्यक्तिगत है। बयान से पार्टी से कोई मतलब नहीं है। इसे पार्टी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

स्वामी प्रसाद मौर्य साल 2014 में बहुजन समाज पार्टी में रहते हुए शादियों में गौरी गणेश की पूजा करने पर सवाल उठाया था। कपूरी ठाकुर भागीदारी सम्मेलन में स्वामी ने कहा था कि शादियों में गौरी गणेश की पूजा नहीं करनी चाहिए।यह दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उनको गुलाम बनाने की साजिश है।

स्वामी प्रसाद मौर्य भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मंत्री रहते हुए 29 अप्रैल 2017 को तीन तलाक को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।स्वामी ने कहा था कि तीन तलाक देने वाले मुस्लिम सिर्फ अपनी हवस मिटाने के लिए पत्नियां बदलते हैं। तीन तलाक के पीछे ओछी मानसिकता है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते साल नवंबर में मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के दौरान कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के लोग राम का भी सौदा कर लेते हैं। ये जनता को और राम को भी बेच देते हैं। उस समय भी समाजवादी पार्टी ने किनारा कर लिया था।

सपा एम‌एलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि यह उनका निजी बयान है, इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि नेताओं को जनता की समस्याओं आदि पर बोलना चाहिए। किसी धार्मिक पुस्तक पर बोलने से बचना चाहिए। स्वामी प्रसाद ने अज्ञानतावश बयान दिया है। उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा कि जल्द ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलकर उनके बयान के बारे में जानकारी दी जाएगी।

किसान नेता भगत राम मिश्र ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को पत्र भेजा है।पत्र में स्वामी प्रसाद के बयान को रामचरितमानस का अपमान बताया है।भगत राम ने कहा कि उनके इस बयान से पार्टी को नुकसान हो सकता है।मौर्य ने शायद रामचरितमानस नहीं पढ़ी है। पार्टी के अन्य कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर आपत्ति जताई है।

भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी लौटन राम निषाद ने बिहार सरकार के शिक्षामंत्री प्रो. चंद्रशेखर और स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि सपा के अंदर आरएसएस के एजेंट घुसे हुए हैं, वही लोग विरोध कर रहे हैं।

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