सांप और आदमी में है बाप-बेटे का रिश्ता, दहेज में देते हैं सांप
10 Aug 2016, 341
सांप को बच्चे की तरह पालने का रिवाज छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले की है। यहां सांप और बिच्छुओं को रिश्तेदार बनाया जाता है। यहां सांपों का लालन-पालन बेटों की तरह किया जाता है। अगर कहीं गलती से किसी परिवार में सांप और बिच्छुओं की मौत हो जाए तो उनका पूरी रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है। परिवार के मर्द अपनी मूंछ-दाढ़ी मुड़वाता है और पूरे कुनबे को भोज कराता है। यहां के लोगों का मुख्य पेशा है, सांप पकड़ना और लोगों के बीच उसकी नुमाइश कर (दर्शन कराकर) अपनी आजीविका चलाना। इस काम में बच्चे भी पूरी निर्भीकता से बड़ों का साथ देते हैं। इसलिए हर घर में सांप पाला जाना स्वाभाविक है।

शादी में उपहार स्वरूप देने होते हैं सांप: यहां विवाह संस्कार के दौरान वधू पक्ष की ओर से वर पक्ष को दहेज स्वरूप इक्कीस सांपों का उपहार देना अनिवार्य है। इसके बिना विवाह नहीं होता। अगर वधू पक्ष के यहां इक्कीस सांप न हुए तो वह बस्ती के अन्य सपेरों से उनके पालतू सांप लेता है और उपहार (दहेज) की रस्म पूरी करता है।

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