दिल्ली की एक और रौनक - सफदरजंग का मकबरा
02 Aug 2017,
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भले भारत देश के इतिहास में सफदरजंग की भूमिका बहुत बड़ी न रही हो पर दिल्ली में सफदरजंग के नाम पर कई स्मारक हैं। सफदरजंग का ऐतिहासिक मकबरा और उसके पास सफदरजंग एयरपोर्ट। दिल्ली सफदरजंग रेलवे स्टेशन और दिल्ली की वीआईपी रोड सफदरजंग मार्ग और इसके आगे सफदरजंग हास्पीटल। वह मार्ग जहां कभी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी रहा करती थीं। दिल्ली में सफरजंग को लेकर कई स्मारक हैं। कई यादें हैं। दिल्ली में सफरदजंग का मकबरा अरविंदो मार्ग पर स्थित है। यह पृथ्वी राज रोड, लोदी रोड और सफदरजंग मार्ग के चौराहे पर ही स्थित है। सफदरजंग का मकबरा दिल्ली की ऐतिहासिक विरासत के चंद खूबसूरत इमारतों में शुमार है। कौन था सफदरजंग:- वह कोई बादशाह नहीं था। वह अंतिम मुगल बादशाह मुहम्मद शाह का प्रधानमंत्री था। पर वह एक कुशल प्रशासक था। सफदरजंग का मकबरा उसकी स्मृति में 1754 में अवध के नवाब सुजाउद्दौला खां ने बनवाया था। वह सफदरजंग के बेटे थे। इसमें सफदरजंग और उसकी बेगम की कब्र बनी हुई हैं। ये मकबरा एक सफेद समाधि है जो मुगल वास्तुकला का सुंदर नमूना है। सफदरजंग का जन्म 1708 में ईरान के निशापुर में हुआ था। उसकी मृत्यु 1754 में सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) में हुई। उसका पुरा नाम अब्दुल मंसूर मुकीम अली खान मिर्जा मुहम्मद सफदरजंग था। वह एक कुशल प्रशासक था। वह अपने जीवन काल में कश्मीर, आगरा, अवध आदि प्रांतों का सुबेदार रहा। बाद में वह मुगलिया सल्तनत के अधीन पूरे देश का प्रधानमंत्री बना। मकबरे में कई मंडप:दृ सफदरंज का मकबरा एक बंद बगीचों वाला मकबरा है। यह हुमायूं के मकबरे जैसा भव्य भले न हो पर देखने में सुंदर है। इसमें भी मकबरे के चारों तरफ चार बाग हैं। यहां आपको खूब हरियाली देखने को मिलती है। सफदरजंग के मकबरे में कई मंडप है जिन्हें विचित्र नामों से जाना जाता है। जैसे बानगी देखिए। जंगल महल (पैलेस ऑफ वुड्स) मोती महल (पर्ल पैलेस) और बादशाह पसंद (किंग्स फेवॅरिट) आदि नाम हैं जिनसे इन्हें जाना जाता है। इसके परिसर में एक मदरसा भी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इसके मुख्य द्वार पर एक पुस्तकालय चलाया जाता है। मजेदार बाद है कि सफदरजंग का मकबरा बनाने के लिए निजामुद्दीन स्थित अबुल रहीम खान खाना के मकबरे को तोड़ तोड़कर उसकी ईंटे और नक्काशियों का भी इस्तेमाल किया गया है। कैसे पहुंचे:- सफदरजंग का मकबरा पहुंचना बहुत आसान है। इसका निकटतम मेट्रो स्टेशन जोरबाग है। यह एक संरक्षित स्मारक है जिसमें प्रवेश के लिए भारतीय नागरिकों को 15 रुपये का टिकट लेना पड़ता है।