बांग्लादेश में गारमेंट फैक्ट्री के कर्मचारियों ने बकाया के समय से भुगतान की मांग को लेकर धरना दिया
05 May 2020,
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बांग्लादेश के गाजीपुर ज़िले में एमएचसी अप्पारेल्स लिमिटेड के सैकड़ों कर्मचारियों ने पिछले तीन महीनों से बकाया राशि के भुगतान की मांग को लेकर धरना दिया। कारखाने में प्रवेश करने वाले 1900 कर्मचारियों ने काम करने से इनकार कर दिया और विरोध में बैठ गए।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें इस साल फरवरी महीने से उनके बकाया का भुगतान नहीं किया गया है और पिछले अगस्त से उनका ओवरटाइम बकाया है।
कारखाने में लगभग 3000 कर्मचारी हैं। COVID -19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण बाकी कर्मचारी काम करने के लिए नहीं आ रहे हैं।
विरोध न करने के लिए स्थानीय बदमाशों के ज़रिए अधिकारियों द्वारा सहारा लेने के कर्मचारियों के दावों का फैक्ट्री के प्रबंधन इनकार किया है। हालांकि प्रबंधन ने ओवरटाइम का भुगता अगस्त से लंबित होने की बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ फरवरी से ही बिल लंबित है।
डेली स्टार के अनुसार, प्रबंधन ने बाद में आश्वासन दिया कि शेष सभी बकाया राशि का भुगतान 13 मई तक कर दिया जाएगा।
दुनिया में रेडीमेड कपड़ों के दूसरे सबसे बड़े निर्यातक बांग्लादेश के सभी कपड़ा कारखाने COVID-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण बंद थे। हालांकि, सरकार के साथ एक बैठक में कार्यस्थल पर सख्त फिजिकल जिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करने और सुरक्षात्मक उपायों की व्यवस्था करने के लिए सहमत होने के बाद कुल 7602 फैक्ट्रियों में से लगभग 2600 कारखानों ने पिछले हफ्ते से काम करना शुरू कर दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के राष्ट्रीय निदेशक टूओमो पूटिएनेन ने COVID-19 विशिष्ट ओएसएच दिशानिर्देशों में शामिल निर्वाह भत्ता, बुनियादी स्वास्थ्य सेवा और आय सुरक्षा की उम्मीद जताई थी।
हालांकि कुछ कारखानों ने इनमें से कुछ उपायों को अपनाया है, लेकिन अधिकांश कारखाने अन्य हजारों कर्मचारियों को जोखिम में डालते हुए इसमें लापरवाह पाए गए हैं। अधिकांश कारखाने छोटे स्थानों में संचालित होते हैं, इसलिए फिजिकिल डिस्टेंसिंग को मेनटेन रखना बहुत मुश्किल है।
बांग्लादेश में COVID-19 संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ रही है। पहला मामला 8 मार्च को सामने आया था। 2 मई को 665 नए मामलों के साथ सबसे ज़्यादा मामले सामने आए। देश में अब तक कुल 9455 मामले सामने आए हैं जिसमें 177 लोगों की मौत हो गई है। अब तक क़रीब 1000 लोग ठीक हो चुके हैं।
साभार : न्यूज़क्लिक