भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन है 08 नवंबर: मनमोहन सिंह
08 Nov 2017,
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अहमदाबाद/नई दिल्ली, 08 नवंबर (धर्म क्रान्ति)। अर्थव्यवस्था, नोटबंदी और जीएसटी पर अब सरकार और विपक्ष में आर-पार की स्थिति है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को एक ब्लंडर (विनाशकारी आर्थिक नीति) करार दिया था। मंगलवार को भी अहमदाबाद से मनमोहन से सरकार पर करारा वार किया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अहमदाबाद में कहा कि 8 नवंबर भारत के लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन है। दुनिया में किसी भी देश ने ऐसा फैसला नहीं लिया जिसमें 86 फीसदी करेंसी को एक साथ वापस ले लिया हो। मनमोहन सिंह ने कहा कि कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए नोटबंदी का फैसला काफी गलत था। पूर्व पीएम ने कहा कि जो मैंने संसद में कहा था वही आज भी कहूंगा कि नोटबंदी होने के कारण लोगों को मुश्किलें बढ़ी हैं। यह कारोबारियों पर एक टेक्स टेररिज्म की तरह लागू हुआ है। मनमोहन सिंह बोले कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को दोहरा झटका लगा, इसकी वजह से छोटे कारोबार की कमर टूट गई। मनमोहन सिंह ने कहा कि आज भारत में युवाओं को नौकरी देने के लिए चीन से सामान आयात करवाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने गरीबों के लिए लड़ने की बात कही थी। उन्होंने बताया कि 2016-17 के पहले हाफ में चीन से 1.96 लाख करोड़ का आयात हुआ था, लेकिन 2017-18 तक ये 2.14 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पर सीधा वार करते हुए कहा कि नोटबंदी के फैसले को लोगों पर थोपा गया था। जब नोटबंदी का ऐलान हुआ तो ये सुनते ही मुझे झटका लगा था। क्या जीडीपी और नोटबंदी पर सवाल करने वाला एंटी नेशनल हो जाता है। नोटबंदी एक तरह की संगठित लूट थी। मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले एक साल में सबसे ज्यादा मौतें रेल हादसे में हुई हैं, क्या पीएम फिर भी अभी के रेल ढांचे को सुधारने के बजाय बुलेट ट्रेन को लाना चाहेंगे। बुलेट ट्रेन का विरोध करने से आप विकास के खिलाफ नहीं हो जाते हैं। गुजरात सरकार पिछले कुछ समय में आदिवासियों की मदद करने में फेल रही है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार सरोवर बांध की शुरुआत पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी। मनमोहन सिंह ने कहा कि देश ने दो महान गुजरातियों को देखा है। महात्मा गांधी ने कहा था कि जब भी आप डाउट में रहे तो गरीबों के बारे में सोचें। क्या पीएम मोदी ने नोटबंदी का फैसला लेने से फैसले गरीबों के बारे में सोचा था। क्या उन्होंने इनफॉर्मल सेक्टर के बारे में सोचा था। उन्होंने कहा कि अगर पीएम मोदी ने फैसला लेते वक्त महात्मा गांधी की बातों पर ध्यान दिया होता तो गरीबों को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता। मनमोहन सिंह ने कहा कि पंजाब में गरीबी देखी है। पंजाब में बंटवारे के वक्त दंश झेला है। मेरे जीवन में कांग्रेस की नीतियां प्रभावकारी रहीं। हमने 140 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। किसी सरकार ने ये अचीव नहीं किया था। इधर अहमदाबाद में मनमोहन सिंह सरकार पर हमला बोलेंगे तो दूसरी तरफ वित्तमंत्री अरुण जेटली नई दिल्ली से मोर्चा संभालेंगे। अरुण जेटली पूर्व पीएम के द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दे सकते हैं। साफ है कि नोटबंदी की सालगिरह पर सरकार और विपक्ष के तेवर तल्ख हो रहे हैं। और इस जंग में अब पूर्व पीएम और मौजूदा वित्तमंत्री आमने-सामने हैं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह स्वीकार करना चाहिए कि नोटबंदी का फैसला एक बहुत बड़ी गलती थी और उन्हें अपनी गलती मान कर अर्थव्यवस्था को सुधारने का काम करना चाहिए। मनमोहन सिंह ने कहा कि इसका (नोटबंदी का) तुरंत असर नौकरियों पर पड़ा है। हमारे देश की तीन चौथाई गैर-कृषि रोजगार छोटे और मझोले उद्यमों के क्षेत्र में हैं। नोटबंदी से इस क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसलिए नौकरियां चली गईं और नई नौकरियां पैदा नहीं हो रही हैं। गौरतलब है कि 8 नवंबर को नोटबंदी की पहली सालगिरह है। इस मौके पर पूरे देश में विपक्ष कालाधन दिवस मनाएगा और सरकार के इस फैसले का विरोध करेगा। तो वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से भी एंटी ब्लैक मनी डे मनाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद रैलियों में इसका ऐलान कर चुके हैं।
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