29 वस्तुओं और 53 सेवाओं पर जीएसटी घटा, जानिए क्या हुआ सस्ता महंगा
19 Jan 2018, 241
नई दिल्ली, 19 जनवरी (धर्म क्रान्ति)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 25वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि परिषद् ने 29 वस्तुओं और 54 श्रेणी की सेवाओं पर जीएसटी की दरों में कटौती को मंजूरी दे दी है। जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल करने पर विचार किया। परिषद की अगली बैठक में जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल करने की मंजूरी दी जाएगी। रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को आसान करने को लेकर नंदन नीलेकणि ने एक प्रजेंटेशन भी दिया।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच वस्तुओं या माल की आवाजाही के लिए ई-वे बिल की अनिवार्यता का प्रावधान एक फरवरी से लागू होगा। 15 राज्य अपनी सीमा के अंदर ई-वे बिल को लागू करेंगे। जीएसटी की नई दरें 25 जनवरी से लागू होंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में संभवत: पेट्रोलियम और अन्य छूट वाले उत्पादों को जीएसटी के तहत लाने पर विचार किया जाएगा। जेटली ने कहा कि आईजीएसटी में क्रेडिट लाइन की बड़ी राशि पर भी चर्चा हुई। जीएसटी समिति ने केंद्र और राज्यों के बीच 35000 करोड़ रुपये के आईजीएसटी कलेक्शन के बंटवारे का भी फैसला किया।

बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि कर दरें घटाने से टैक्स कलेक्शन पर असर पड़ता है। हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य से काफी आगे है। उन्होंने कहा कि नई दरें 25 जनवरी 2018 से लागू हो जाएंगी। जेटली ने कहा कि 40 अन्य हैंडीक्राफ्ट उत्पादों पर टैक्स की दरें कम की जा सकती हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि कंपोजीशन स्कीम को अच्छा रिस्पांस नहीं मिला है और इसके चलते टैक्स कलेक्शन चिंता का विषय है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटीआर-3बी की फाइलिंग आगे भी जारी रह सकती है। ई-वे बिल के जिक्र पर उन्होंने कहा कि देश के 15 राज्य 1 फरवरी से ई-वे बिल को लागू कर देंगे।

काउंसिल की अगली बैठक 10 दिन बाद : काउंसिल की इस बैठक में जीएसटी फाइलिंग की प्रक्रिया को और सरल बनाने पर कोई फैसला नहीं किया गया। इस पर चर्चा करने के लिए जीएसटी काउंसिल 10 दिन बाद 26वीं बैठक करेगी। यह बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होना तय हुआ है। वहीं हैंडीक्राफ्ट आइटम्स पर जीएसटी को पूरी तरह से हटा दिया गया है।

पेट्रोलियम को जेएसटी के दायरे में लाने पर कोई चर्चा नहीं : वहीं इस अहम बैठक में पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने पर कोई चर्चा नहीं हुई। आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने हाल ही में संकेत दिए थे कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है लेकिन इससे पहले राज्यों की पूरी सहमति ली जाएगी।

रियल एस्टेट सेक्टर पर भी कोई फैसला नहीं : वहीं जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में रियल एस्टेट सेक्टर पर कोई फैसला नहीं लिया गया। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि इस बैठक में काउंसिल इस पर कोई अहम फैसला ले सकती है। आपको बता दें कि फिलहाल रियल एस्टेट सेक्टर जीएसटी के दायरे से बाहर है।

क्या कुछ हुआ सस्ता और महंगा : हीरे पर जीएसटी दर को 3 फीसद से घटाकर 0.25 फीसद, सिगरेट फिल्टर रॉड पर जीएसटी को 12 फीसद से बढ़ाकर 18 फीसद, बायो डीजल पर जीएसटी दर को 18 फीसद से घटाकर 12 फीसद और इस्तेमाल किए गए वाहनों (यूज्ड व्हीकल) पर जीएसटी दर को 28 फीसद से घटाकर 18 फीसद कर दिया गया है।


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