केरल: पूरे उत्साह से मनाया जा रहा त्रिशूर पूरम उत्सव

त्रिशूर, 05 मई (धर्म क्रान्ति)। केरल में मुख्य त्योहारों में से एक त्रिशूर पूरम का उत्सव शुरू हो गया है। पूरम एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो मलयालम कैलेंडर के अनुसार मेदम माह में त्रिशूर के वाडाक्कून्नाथन मंदिर में मनाया जाता है। जश्न में महावत के साथ बड़े हाथियों का विशाल बेड़ा भी शामिल होता है। इस त्योहार की विशेषता पंचवाद्यम (संगीत के पांच विभिन्न इंस्ट्रूमेंट) की आवाज है जिसके बाद पटाखे भी छोड़े जाते हैं। पुलि कालि की तरह पारंपरिक कला का भी प्रदर्शन होता है। केरल में त्रिशूर पूरम समारोह का उत्सव और दृश्य यहां के सांस्कृतिक अनुभवों में से एक होता है। केरल में इस त्योहार की शुरुआत तब होती है जब मंदिर में उत्सव का झंडा फहराया जाता है। पार्मेकावू ओर तिरुवामबाडी, कानिमंगलम, लाल्लूर, अय्यनतहोल, नेथिलाक्कावू, करमुक्कु, चेंबुकावू, चूराकोत्तुकावू और पनमुक्कामपिल्ली के अलावा अन्य मंदिरों में भी यह उत्सव मनाया जाता है। इस त्योहार का मुख्य हिस्सा पटाखे होते हैं। पिछले साल पुट्टंगल देवी मंदिर में आग की घटना के बाद सरकार ने कुछ गाइडलाइन निर्धारित किए।