वनों की रक्षा में चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहें: प्रणब मुखर्जी

देहरादून, 06 मई (धर्म क्रान्ति)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वन सेवा से पास आउट होने वाले अधिकारियों को अब प्रकृति की चुनौतियों को देखना होगा। वनों की रक्षा एक बड़ी चुनौती है। पर्यावरण की सुरक्षा का दायित्व उन पर है। जलवायु परिवर्तन ग्लोबल विषय हो गया है। इसे रोकना बड़ी जिम्मेदारी का काम है। कहा कि उन्होंने अब तक सिर्फ पढ़ाई की थी, अब उन्हें फिल्ड में जाकर काम करना है। राष्ट्रपति देहरादून में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून के सत्र 2015 17 के भारतीय वन सेवा अफसरों के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। एफआरआई के सभागार में राष्ट्रपति के अलावा केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दबे, राज्यपाल डा. केके पाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौजूद रहे। सभी ने पास आउट अधिकारियों को बधाई दी। समारोह में सिविल सेवा की आईएफएस परीक्षा पास कर ट्रेनिंग लेने वाले 45 भारतीय और दो भूटान के युवा पासआउट होकर वन अधिकारी बने। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दबे ने पास आउट होने वाले अधिकारियों को बधाई दी। कहा कि आप भाग्यशाली हैं कि राष्ट्रपति आपको डिग्री देने आए हैं। उन्होंने कहा कि आपको वन सम्पदा को बचाने की जिम्मेदारी हैं। आप को पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभानी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा ही आज वन और पर्यावरण बचाना चुनौती है, इस चुनौती से आपको लड़ना है। जनता की उम्मीदों की उपेक्षा ना करें। चिपको का उदाहरण भी उन्होंने दिया। कहा कि राज्य में जड़ी-बूटी का भी संरक्षण करना होगा। समारोह में राष्ट्रपति करीब साढ़े 12 बजे पहुंचे। इसके बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी दोपहर करीब 1.30 बजे यहां से राजभवन के लिए निकल गए। इस बीच रूट पर ट्रैफिक रोका गया था। राष्ट्रपति के आने और जाने से 20 मिनट पहले रूट पर ट्रैफिक रोक दिया गया था। सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार लगी रही। इससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। बता दें कि राष्ट्रपति दो दिवसीय देहरादून दौरे पर हैं। वह शनिवार को बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे, जहां कपाट खुलने पर भगवान बदरीनाथ के दर्शन करेंगे।