डीआरडीओ ने भारतीय सेना को अपनी विकसित उत्पाद सौंपे

नई दिल्ली, 03 मार्च (धर्म क्रांति)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपने तीन उत्पादों को गुरुवार को यहां एक औपचारिक समारोह में भारतीय सेना में शामिल करने के लिए सौंप दिये। यह उत्पाद हैं हथियार स्थिति पहचान रडार (वीएलआर)(स्वाति), एनबीसी टोही वाहन और एनबीसी दवा। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने डीआरडीओ की ओर से आर्मी स्टाफ जनरल बिपिन रावत यह उत्पाद को सौंपें। समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने इंटरसेप्टर मिसाइलों सहित हाल के परीक्षणों की श्रृंखला के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के लिए उपकरणों सौंपने के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी। पर्रिकर ने कहा कि डीआरडीओ, रक्षा बलों, पीएसयू और निजी क्षेत्र के उद्योग की भागीदारी निकट भविष्य में एक खेल परिवर्तक हो सकता है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने डीआरडीओ को उनकी सतत सफलतम कहानियों में एक और मील का पत्थर जोड़ने सेना को उत्पाद सौंपने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है की इस गति से भारतीय सेना का आधुनिकीकरण बहुत तेजी से होगा। डीआरडीओ ने भारतीय सेना के लिए कई उत्पाद विकसित किये हैं। 2016 में हथियार लगाने रडार (वीएलआर) ( स्वाति), एनबीसी टोही वाहन और एनबीसी दवा का सक्षम मूल्यांकन टीमों व निकायों द्वारा व्यापक मूल्यांकन के बाद सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।